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गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं ब्रह्माकुमारीज़ के बीच समझौता

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गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं ब्रह्माकुमारीज़ के बीच समझौता ज्ञापन

बिलासपुर, 29 नवम्बर 2024। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजयोग भवन बिलासपुर के द्वारा एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौते का उद्देश्य नैतिक शिक्षा, व्यसन मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को बढ़ावा देना है। यह समझौता दोनों संस्थाओं के बीच शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सकारात्मक कार्यक्रमों को नई दिशा देगा।

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल जी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अभय एस. रणदिवे जी और ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजयोग भवन बिलासपुर की मुख्य प्रभारी बीके स्वाति दीदी द्वारा हस्ताक्षर किया गया। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य मूल्यनिष्ठ और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना है। सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करना और व्यसन मुक्ति व पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता फैलाना है।

कुलसचिव प्रो. अभय एस. रणदिवे जी ने कहा कि युवा अपनी चेतना को समुचित रूप से जागृत कर ले तो राष्ट्र उत्थान में कोई देरी नहीं लगेगी। चरित्र रूपी संपत्ति से धनवान युवा ही देश को नई राह पर ले जाने में सक्षम है। भारत देश देव व महापुरुषों की भूमि रहा है। जिसने विश्व के आगे त्याग, चरित्र, अनुशासन की मिसाल कायम की है। ऐसे युवाओं को जागरुक होकर समाज उत्थान के लिए आगे आने की आवश्यकता है। ब्रह्माकुमारीज द्वारा की जा रही सेवाओं की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की, कि ब्रह्माकुमारीज के पाठ्यक्रम और शिक्षण से विद्यार्थियों को भारत के महान दर्शन और मूल्य प्रणाली को समझने में मदद मिलेगी।

सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा कि युवाओं के मन में असीम संभावनाएं होती है। आवश्यकता है मन की शक्ति को सही दिशा देने की। जब हम अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं तो हमारा मन पूरी क्षमता के साथ उसे पूरा करने में लग जाता है। वर्तमान समय युवा का मन अनेक बाहरी बातों में भटक कर अपनी शक्ति को कम कर रहा है। हमारा मुख्य उद्देश्य है युवा पीढ़ी जो देश का भविष्य है उनको सही दिशा देकर सशक्त बनाया जाए।

कार्यक्रम में नोडल अधिकारी जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोफेसर रेणु भट्ट जी एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी तथा वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके संतोषी दीदी, लायंस क्लब एंबेसडर कमल छाबड़ा, हेमंत अग्रवाल, अंजू दुआ, ब्रह्माकुमारीज के सदस्य उपस्थित रहे।

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नशा मुक्ति रथ रवाना, चित्र प्रदर्शनी, प्रोजेक्टर शो और राजयोग से लोगों को करेंगे जागरूक कलेक्टर और एसएसपी ने हरी झंडी दिखा कहा- नशे को ना कहें

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नशा मुक्ति के लिए एक अनूठी पहल के तहत ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर द्वारा ‘नशा मुक्ति रथा’ अभियान की शुरुआत की गई। इस रथ को जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा एवं अन्य अतिथियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राजयोग भवन, टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित मुख्य सेवाकेंद्र से प्रारंभहुए इस रथ के माध्यम से जिलेभर में नशे से मुक्ति के लिए जागरूकता फैलाई जाएगी। इसमें चित्र प्रदर्शनी, प्रोजेक्टर शो और राजयोग से जुड़ी जानकारी के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नशा व्यक्ति ही नहीं, परिवार, समाज और देश को भी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के प्रयासों की सराहना की। वहीं, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने युवाओं से अपील की “नशे को ना कहें, जिंदगी को हां कहें। नशा केवल जीवन को नाश करता है। सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में चलेगा जागरूकता, सशक्तिकरण और प्रेरणा। नशे की गिरफ्त में आए लोगों को राजयोग व सात्विक संगति द्वारा मनोबल प्रदान कर जीवन में बदलाव की दिशा दी जाएगी। यह अभियान “नशा मुक्त भारत” के मिशन स्पंदन के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

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तीन दिवसीय ‘स्वस्थ मन एवं स्वस्थ तन’ कार्यक्रम में लोगों ने किया अभ्यास ‘स्वस्थ सोच से बनेगा सुंदर समाज’

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“स्वस्थ सोच से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव है।” यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय “स्वस्थ मन एवं स्वस्थ तन” कार्यक्रम में व्यक्त किए।
दीदी ने कहा कि जीवन एक अमूल्य उपहार है, जिसे सुख, शांति और आनंद से जीना भी एक कला है। आज के समय में व्यक्ति जितना भौतिक रूप से विकसित हुआ है, उतना ही मानसिक रूप से अशांत, चिंतित और भयभीत हो गया है। इसका कारण यह है कि बाह्य विकास पर तो ध्यान दिया गया, लेकिन मन के विकास की उपेक्षा हुई। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने विचारों को शुद्ध, सकारात्मक और निर्मल बना लें, तो जीवन में खुशियां स्वयं प्रवेश करेंगी।

राजयोग मेडिटेशन इसके लिए एक सशक्त माध्यम है, जो मन, बुद्धि और संस्कारों की एकाग्रता को बढ़ाता है तथा मनोविकारों पर विजय दिलाता है। कार्यक्रम में योग प्रशिक्षिका ट्विंकल गंभीर ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराते हुए उनके शारीरिक और मानसिक लाभों पर प्रकाश डाला। बीके स्वाति दीदी ने कहा कि एक स्वच्छ, मूल्य-आधारित और स्वस्थ समाज का निर्माण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। और यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपने विचारों को स्वच्छ और सकारात्मक बनाए। यही सुंदर, सुखद और आदर्श समाज की नींव है।

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ब्र‌ह्माकुमारीज ने दिया नशा मुक्त समाज का संदेश

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ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाई गई राजयोगी जीवन शैली के द्वारा मानव हर प्रकार की बुराइयों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। राजयोग के अभ्यास से व्यक्ति में आत्म सम्मान की वृद्धि होती है तथा वह स्वयं में सशक्त अनुभव करता है। राजयोग ध्यान हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में प्रवाहित करने की एक व्यवस्थित तकनीक है। गहरी शान्ति, आंतरिक खुशी का अनुभव, पांच इंद्रियों पर संपूर्ण अधिकार, नशीली दवाओं के प्रति नेचुरल घृणा पैदा करता हैं और नशा मुक्त समाज बनाने में मदद करता हैं।

उक्त वक्तव्य अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के उपलक्ष्य में टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर का मुख्य सेवाकेन्द्र राजयोग भवन संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कही। दीदी ने आगे कहा कि भारत में हर आठ सेकंड में नशे के चलते एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। एक दिन में 3750 और प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु केवल तंबाकू के सेवन से होती है। सभी तरह के नशे को आंकड़े पर नजर डालें तो एक साल में भारतवर्ष में 35 लाख लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू में ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को जन्म देते हैं। इसमें पाया जाने वाला निकोटीन धीमा जहर है। नशे से हमारा डीएनए तक प्रभावित होता है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में शनिचरी रपटा में आयोजित कार्यक्रम में बीके संतोषी दीदी ने बताया कि व्यसन से आने वाली पीढ़ी में कैंसर होने के खतरे बढ़ जाते हैं। हमारे हार्ट की खून ले जाने वाली धमनियां में एंडोथीलियम होती है और सिगरेट पीने से उसमें कोलेस्ट्रोल चिपकना शुरू हो जाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। प्रतिवर्ष हमारे देश में 44 लाख लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती है। आज हमारे देश में 13 फीसदी लोग शराब का इस्तेमाल करते हैं। बहुत ही चिंता एवं डराने वाली बात यह है कि 5500 बच्चे हर रोज नशे करने वालों की भीड़ में शामिल हो जाते हैं। यही बच्चे देश का भविष्य और भावी कर्णधार हैं। युवा धन नशे से मुक्त रहकर सशक्त बने यह हमारा दायित्व है।

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