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“राजयोग भवन में आयोजित छह दिवसीय बाल संस्कार शिविर”

उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में आयोजित छः दिवसीय बाल संस्कार शिविर में सेवा केंद्र की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने बच्चों को प्रकृति का महत्व बताते हुए कही। दीदी ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। जब तक हम सीखते रहेंगे तब तक हमारी उन्नति होती रहेगी। हमें अपने आसपास की हर एक वस्तु से कुछ ना कुछ ज्ञान उठाना है। प्रकृति हमें निरंतर कुछ ना कुछ पाठ पढ़ाती है। जीवन जीने की कला सिखाती है। पेड़ हमें सिखाते हैं कि पहले अपने को तैयार करें। यह अपने को तैयार होने का, अपनी नीव को मजबूत करने का समय है। सदा अपनों के साथ बनकर रहे। कभी भी किसी भी बात में कमजोर नहीं होना। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता और असफलता तो आती और जाती रहती है परंतु अपना आत्मविश्वास कभी भी ना खोएं। चुनौतियां समस्याएं तो हमेशा आती रहेगी पर चुनौतियां हमें और भी मजबूत बनाती है। जिस प्रकार से आंधी-तूफान पेड़ों की जड़ों को और अंदर गहराई तक मजबूत बनाता है। उसी प्रकार से जीवन में आने वाली समस्याएं हमें और भी मजबूत बनाती है।
18 वर्ष की आयु से 14 वर्ष की आयु बच्चों का टर्निंग पॉइंट होता है। जिसमें मुख्य रूप से संस्कार का निर्माण होता है। इस अवस्था में पड़ी आदतें ही आगे चलकर संस्कार का रूप ले लेती है। कहते हैं बच्चो के संस्कार उसकी स्वयं का जीवन ही नहीं बल्कि पूरे समाज की दिशा दशा तय करता है। बच्चों में ज्यादातर संस्कार उनके माता-पिता से आते हैं संस्कार विकसित करने में माता पिता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। बचपन में दिए गए संस्कार आजीवन साथ देते हैं। इसलिए बच्चों बको अच्छे संस्कार देना आवश्यक है। उक्त वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र में छ-दिवसीय बच्चों के बाल संस्कार शिविर के समापन में सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा। दीदी ने शिविर के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज की जो परिस्थिति हैं उसमें सबसे बड़ी चुनौती आती है बच्चों को संभालना एवम संस्कारवान बनाने की। क्योंकि आज सभी अभिभावको की यही शिकायत होती है कि आजकल कि बच्चे कहना नहीं मानते हैं, आखिर इसका कारण क्या है। यह छोटे बच्चे, छोटे पौधे की तरह है अभी हम इन्हें जो संस्कार दे रहे है, परवरिश कर रहे हैं, यही इनका भविष्य हैं हमारा भविष्य है।
बच्चे जब छोटे होते हैं तो हम समझते हैं अभी इनकी यह छोटी उम्र के हैं, अभी इनको आध्यात्मिकता की जरूरत नहीं, भगवान का नाम लेने की जरूरत नहीं, मंदिर जाने की जरुरत नहीं। जब उनको सीखने की जरुरत है तब उनको जरुरी नहीं समझा जाता करके सीखने से टाल दिया जाता है। और जब समय बीत जाता है तब तक बहुत देरी हो चुकी होती है। माता-पिता बच्चों के लिए ब्रह्मा होते हैं। बच्चों के पालन के लिए स्थापना के लिए भगवान ने आपको दिया है। तो इनकी सही परवरिश करना, सही संस्कार देने का सही समय यही है। चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक हो उनमें इस उम्र में ही परिवर्तन होना शुरु हो जाता है। तो जो हम सिखाते हैं उनका जीवन बन जाता है। बाहर की एक्टिविटी तो हर कोई करते हैं। लेकिन अंदर के वैल्यूज जिससे हमारा जीवन मूल्यवान हो जाता है। वो हम यहां ही सीख सकते हैं। तो यह अंत नहीं लेकिन शुभारंभ है। कई बच्चों के लिए बहुत कंप्लेन करते हैं कहना नहीं मानते हैं, हाइपर एक्टिव है। उसके लिए पहले हमें सीखना होगा।
विचारों का शुद्ध होना बहुत जरुरी है पर हाइपर एक्टिव होना सही नहीं है। इसका कारण विचारों की गति तेज होना है। जिस वजह से बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। किसी चीज को परख नहीं सकते हैं। बच्चे कितने सेंसेटीव हो गए हैं। बड़ों को इसे समझना होगा। इन बच्चों को संभालना होगा। यह केवल हमारे नही बल्कि पूरे देश का भविष्य है। है। बच्चों एवं अभिभावको की शिविर के प्रति रुचि को देखते हुए कल सोमवार से शनिवार सुबह 8 से 9 बजे तक बच्चों एवं अभिभावकों के लिए सात दिवसीय निःशुल्क पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। जिसे कोई भी बच्चे जॉइन कर सकते है। शिविर में मोटू-पतलू और शेर बच्चों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहे छः दिवसीय शिविर में बच्चों को माता पिता का सम्मान करना, देश भक्ति, मोरल वैल्यूज की कहानियां, एकाग्रता को कैसे बढ़ाएं, मोबाइल के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूकता, पर्यावरण के प्रति जागरूकता पेड लगाओ, पानी को चार्ज करके पीएं, वंदे मातरम, हनुमान चालीसा एवं हमारी भारतीय दैवी संस्कृति से परिचय कराया।
बच्चों ने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर मातृ दिवस के दिन अपनी मां को समर्पित किया। गीत व डांस, तबला, कविता के साथ-साथ जुम्बा, ड्रांइग, आदि प्रस्तुतिया रही। शिविर के समापन में सभी बच्चों ने इन छन् दिनों में जो सीखा अपना अपना अनुभव सुनाया। अभिभावकों ने भी बच्चों में शिविर से जो परिवर्तन हुआ अपने अनुभव सुनाए। सभी बच्चो का उमंग उत्साह बढ़ाने के लिए गिफ्ट्स दिए गए एवं कार्यक्रम के समापन में प्रसाद सभी ने स्वीकार किया। 100 से भी अधिक बच्चों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अंजू दुआ, पुष्पा अग्रवाल, एस. मणि, रंजन नीलानी ट्विंकल गम्भीर, नवीन भाई, परमानंद भाई, राघवेंद्र भाई, कन्हैया पासवान आदि का विशेष सहयोग रहा।
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राजयोग भवन में रक्तदान महा अभियान का आयोजन

रक्त ही एक ऐसी चीज है जो संसार में एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य तक पहुंच सकती है। रक्त केवल इंसान ही इंसान को दे सकता है। कभी भी कृत्रिम रक्त नहीं बनाया जा सकता। एक यूनिट रक्त कितनों की जीवन बना सकता है। यह जीवन का सबसे पुनीत कार्य है तो वह रक्तदान का है इसीलिए कहा जाता है रक्तदान महादान। रक्त की कोई फैक्ट्री नहीं है, कोई दवा नहीं है और न ही कोई कृत्रिम विकल्प।
उक्त वक्तव्य विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में आयोजित विशाल रक्तदान महा अभियान के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य आवासन एवं शहरी विकास मंत्री तोखन साहू जी ने कही। तोखन साहू ने आगे कहा कि जिस प्रकार से दादी जी का नाम प्रकाशमणि है उसी प्रकार आज वास्तव में यह प्रकाश पर्व है जो सभी ब्रह्मा कुमार भाई बहनो इतने वृहद पैमाने पर रक्त महादान कर रहे हैं। जो दादी प्रकाशमणि का प्रकाश चारों ओर फैल रहा है। तोखन साहू ने अपने रक्तदान के अनुभवों को भी शेयर किया। सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा कि रक्तदान को हम महादान कहते हैं, क्योंकि यह दान किसी गरीब या अमीर को नहीं, बल्कि इंसान को बचाने के लिए किया जाता है। राजयोग भवन में सुबह 8.30 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक = विशाल रक्तदान महा अभियान चला। दीदी ने बताया विशाल रक्तदान कार्यक्रम का स्लोगन है रक्तदान विश्व बंधुत्व का अभियान। इस रक्तदान शिविर के मुख्य चार उद्देश्य हैं। तोखन – साहू ने रक्त दाताओं को सर्टिफिकेट एवं हेलमेट देकर सम्मानित किया। सभी रक्तवीरों को लायंस क्लब बिलासपुर रॉयल की ओर से हेलमेट तथा सर्टिफिकेट प्रदान किये गए। लायंस क्लब के केबिनेट सेक्रेटरी डॉ कमल छाबड़ा का विशेष सहयोग रहा। इस शिविर में भारी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। सेवा केंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने सभी रक्तवीरों का आभार व्यक्त किया। राजयोग भवन सेवाकेन्द्र के अलावा बिलासपुर के हेमुनगर, श्री विहार, उसलापुर, सिरगिट्टी एवं रामाग्रीन सिटी सेवाकेन्द्रों के सैकड़ों रक्तवीरो ने रक्तदान किया।
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पुलिस परेड मैदान में ब्रह्माकुमारीज के द्वारा लगाई गई व्यसन मुक्ति झांकी द्वारा दिया व्यसन मुक्त संदेश

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के द्वारा मुख्य समारोह स्थल पुलिस परेड मैदान में विशेष व्यसन मुक्ति झांकी लगाई गई। समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने तिरंगा लहराया। पुलिस ग्राउंड में परेड की सलामी लेने के पश्चात परेड का निरीक्षण करते हुए ब्रह्माकुमारीज झांकी का भी अवलोकन किया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एवं राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा चलाए जा रहे
नशा मुक्ति अभियान मेरा भारत -नशा मुक्त भारत के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर के द्वारा नशा मुक्ति झांकी लगाई गई। राजयोग भवन की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने बताया कि हमारी भारत माता अंग्रेजों की गुलामी से तो स्वतंत्र हो गई परंतु भारत में आज हर वर्ग युवा, वृद्ध, बच्चे, स्त्री, पुरुष सभी व्यसन की जंजीरों में लिप्त है तथा हमारी भारत मां आज भी व्यसनों की जंजीरों में बंधी हुई है। इसके लिए समाज के हर वर्ग को चाहे वह नेता हो, प्रशासन, पुलिस प्रशासन, युवा, ब्रह्माकुमारी सर्व के सहयोग से व्यसन मुक्त समाज की संकल्पना साकार होगी। जब आज के युवा का चरित्र स्वामी विवेकानंद की तरह होगा। पुलिस ग्राउंड की झांकी के बाद पूरे शहर में ब्रह्माकुमारीज के द्वारा हर घर तिरंगा एवं मेरा बिलासपुर नशा मुक्ति की थीम पर पूरे शोभायात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में बीके रमा बहन, सिरगिट्टी सेवाकेंद्र संचालिका बीके कांता बहन, बीके राखी बहन, संचालिका बीके उमा बहन, उसलापुर सेवाकेंद्र संचालिका भी के छाया बहन, हेमू नगर सेवाकेंद्र संचालिका बीके लता बहन आदि भाई बहन ने उपस्थित रहे।
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राजयोग भवन में मना रक्षाबंधन केंद्रीय राज्य मंत्री, विधायक, सीएमडी हुए शामिल

रक्षाबंधन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का आगमन हुआ। उन्हें सेवा केंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी एवं बीके संतोषी दीदी ने रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन का मेडिटेशन का अभ्यास कराया।
स्वाति दीदी ने कहा कि सुरक्षा अथवा रक्षा का सीधा संबंध मनुष्य के मनमस्तिष्क से है। आज का विश्व असुरक्षित एवं भय से ग्रसित है तथा मनुष्य तनाव ग्रस्त दुखी, अशांत जीवन जी रहा है। रक्षाबंधन पर्व केवल भाई-बहन के नाते से ही नहीं मनाया जाना चाहिए। यह तो ईश्वरीय शक्ति संपन्न रक्षा सूत्र है। इससे मानवीय संबंधों की गरिमा स्थापित होती है। जब सभी संबंधों की डोर परमात्म प्रेम एवं निःस्वार्थ भाव से जुड़ जाती है, तब स्वयं के साथ दूसरों की रक्षा स्वतः हो जाती है। रक्षाबंधन सभी त्योहारों में अनोखा है। भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को प्रत्यक्ष करने वाला भी है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज की सेवाओं से भी उन्हें अवगत कराया। केंद्रीय राज्य आवास एवं शहरी मंत्री ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा बिलासपुर में किए जाने वाली सेवाओं की प्रशंसा की। साथ ही नगर विधायक अमर अग्रवाल, जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन, बीजेपी जिलाध्यक्ष दीपक सिंह, बीएनआई से डॉ किरण पाल सिंह चावला, डॉ ओम माखीजा, सुनील छाबड़ा, सचिन यादव प्रेसिडेंट ऑफ़ प्रयास ग्रुप ऑफ़ कंपनी, राजयोग सेवा केंद्र में सभी को रक्षा सूत्र बांधकर मुंह मीठा कराकर ईश्वरीय सौगात भेंट की गई।
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