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ब्रह्माकुमारीज की राखी रही आकर्षण का केंद्र

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बिलासपुर। हमारा भारत देश त्योहारों का देश है और हर त्यौहार हमारी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा से हमें जोड़ता है। हर कोई चाहता है कि हम त्यौहार अपने ही घर एवं परिवार के साथ मनाएं। हम सभी हर साल अपने भाई-बहनों के साथ रक्षाबंधन मनाते हैं। लेकिन हमारे देश के सैनिकों को ज़्यादातर त्यौहार अपने परिवार के साथ मनाने का मौका नहीं मिलता। वे अपने देश की दुश्मनों से रक्षा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उक्त वक्तव्य रोटरी क्लब में आयोजित फऑपरेशन सिपाही रक्षा सूर्य 2024 कार्यक्रम का आगाज के उपलक्ष्य पर ब्रहमाकुमारीज बिलासपुर की मुख्य शाखा राजयोग मवन की संचालिका चीके स्वाति दीदी ने कहा। दीदी ने सरहदों पर तैनात सैनिको के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए आगे कहा कि हम अपने परिवार के साथ खुशी- खुशी रहते हैं क्योंकि सैनिक हमारी सुरथा के लिए तैनात रहते हैं। सैनिक अपनी कलाई पर राखी बांधने के लिए कहे बिना ही पूरे दिल से हमारी रक्षा करते हैं। हमारे जीवन शान्तिपूर्वक है। हमारे त्यौहार उल्लास से भरे होते हैं और हमारी खुशियों में

आत्मिक संतुष्टि होती है और यह सब उन सैनिकों की वजह से है जो हमारी जान की रक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात हैं। इन सैनिकों ने पूरे भारत देश को अपना घर और हम सब भारतवासियों को अपना परिवार माना है इनका समर्पण और बलिदान हमारी सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। लायंस क्लब एम्बेसडर कमल छाबड़ा जी ने कहा कि देश की सुरक्षा में लगे हुए हमारे सैनिकों में से किसी की भी कलाई सुनी ना रहे इसके लिए जो प्रयास सिपाही फाउंडेशन के सभी मित्र जो कर रहे हैं यह एक बहुत ही सराहनी कार्य है। सिपाही फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप लोग लगातार कई सालों से इस प्रयास को जारी रखे हैं और हर साल ज्यादा से ज्यादा राखियां आप सैनिक माइयों तक पहुंचा रहे हैं। बिलासपुर की बहनों ने अथक प्रयास करके राखियां बनाकर कलेक्ट करके यहां भेजी है। जिसमें स्कूली बच्चियों स्कूल के टीचर्स और शहर के बहुत सारे एनजीओएस क्लब्स में जो भेजा है यह बहुत ही सराहनी काम है, इससे बिलासपुर नगरवासियों के द्वारा देश के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया है। इसकी बहुत-बहुत सराहना करता हूं और रोटरी क्लब के अध्यक्ष एवं रोटरी क्लब के अधिकारियों की भी बहुत-बहुत सराहना करता हूं। कितने अच्छे कार्यक्रम को मंच प्रदान करके देश के प्रति

अपनी प्रतिभागता प्रकट की है। पिछले 7 वर्षों से ब्रह्माकुमारी दीदियों के द्वारा सैनिक भाइयों के लिए राखी भेजी जाती है और सैनिक माई राखी प्राप्त होने के बाद ब्रह्माकुमारी दीदी को फोन करके राखी पहुंचने की सूचना देते हैं जिससे हमारा उमंग उत्साह और बढ़ जाता है। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक संगठन 卐सिपाही卐, पूर्व सैनिक महासभा के सभी सहयोगी, पूर्व सैनिक संगठन व सामाजिक संगठनों के समन्वय से भारत की बहनों व स्कूली बच्चों के हाथों से बनी राखियों को सीमा में तैनात सोलह लाख सिपाहियों की कलाई तक पहुंचाने का प्रयत्न किया जा रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ एवं देश के विभिन्न शहरों से यह अभियान सेना मुख्यालय तक भारत के 16 लाख सैनिकों के लिए राखियां (रक्षा सूत्र) पहुंचाएगा। ब्रहमाकुमारीज बिलासपुर की मुख्य शाखा राजयोग भवन के द्वारा सिपाही माईयों के लिए 2.5 फिट की स्वास्तिक की डिजाइन में बनाई गई बढ़ी राखी सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही। बिलासपुर के सभी सामाजिक संगठनों ने बढ़- चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठन के साथ पूर्व सैनिक वारिस जी, डीके सिंह जी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन करके किया गया।

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नशा मुक्ति रथ रवाना, चित्र प्रदर्शनी, प्रोजेक्टर शो और राजयोग से लोगों को करेंगे जागरूक कलेक्टर और एसएसपी ने हरी झंडी दिखा कहा- नशे को ना कहें

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नशा मुक्ति के लिए एक अनूठी पहल के तहत ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर द्वारा ‘नशा मुक्ति रथा’ अभियान की शुरुआत की गई। इस रथ को जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा एवं अन्य अतिथियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राजयोग भवन, टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित मुख्य सेवाकेंद्र से प्रारंभहुए इस रथ के माध्यम से जिलेभर में नशे से मुक्ति के लिए जागरूकता फैलाई जाएगी। इसमें चित्र प्रदर्शनी, प्रोजेक्टर शो और राजयोग से जुड़ी जानकारी के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नशा व्यक्ति ही नहीं, परिवार, समाज और देश को भी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के प्रयासों की सराहना की। वहीं, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने युवाओं से अपील की “नशे को ना कहें, जिंदगी को हां कहें। नशा केवल जीवन को नाश करता है। सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में चलेगा जागरूकता, सशक्तिकरण और प्रेरणा। नशे की गिरफ्त में आए लोगों को राजयोग व सात्विक संगति द्वारा मनोबल प्रदान कर जीवन में बदलाव की दिशा दी जाएगी। यह अभियान “नशा मुक्त भारत” के मिशन स्पंदन के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

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तीन दिवसीय ‘स्वस्थ मन एवं स्वस्थ तन’ कार्यक्रम में लोगों ने किया अभ्यास ‘स्वस्थ सोच से बनेगा सुंदर समाज’

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“स्वस्थ सोच से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव है।” यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय “स्वस्थ मन एवं स्वस्थ तन” कार्यक्रम में व्यक्त किए।
दीदी ने कहा कि जीवन एक अमूल्य उपहार है, जिसे सुख, शांति और आनंद से जीना भी एक कला है। आज के समय में व्यक्ति जितना भौतिक रूप से विकसित हुआ है, उतना ही मानसिक रूप से अशांत, चिंतित और भयभीत हो गया है। इसका कारण यह है कि बाह्य विकास पर तो ध्यान दिया गया, लेकिन मन के विकास की उपेक्षा हुई। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने विचारों को शुद्ध, सकारात्मक और निर्मल बना लें, तो जीवन में खुशियां स्वयं प्रवेश करेंगी।

राजयोग मेडिटेशन इसके लिए एक सशक्त माध्यम है, जो मन, बुद्धि और संस्कारों की एकाग्रता को बढ़ाता है तथा मनोविकारों पर विजय दिलाता है। कार्यक्रम में योग प्रशिक्षिका ट्विंकल गंभीर ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराते हुए उनके शारीरिक और मानसिक लाभों पर प्रकाश डाला। बीके स्वाति दीदी ने कहा कि एक स्वच्छ, मूल्य-आधारित और स्वस्थ समाज का निर्माण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। और यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपने विचारों को स्वच्छ और सकारात्मक बनाए। यही सुंदर, सुखद और आदर्श समाज की नींव है।

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ब्र‌ह्माकुमारीज ने दिया नशा मुक्त समाज का संदेश

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ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाई गई राजयोगी जीवन शैली के द्वारा मानव हर प्रकार की बुराइयों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। राजयोग के अभ्यास से व्यक्ति में आत्म सम्मान की वृद्धि होती है तथा वह स्वयं में सशक्त अनुभव करता है। राजयोग ध्यान हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में प्रवाहित करने की एक व्यवस्थित तकनीक है। गहरी शान्ति, आंतरिक खुशी का अनुभव, पांच इंद्रियों पर संपूर्ण अधिकार, नशीली दवाओं के प्रति नेचुरल घृणा पैदा करता हैं और नशा मुक्त समाज बनाने में मदद करता हैं।

उक्त वक्तव्य अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के उपलक्ष्य में टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर का मुख्य सेवाकेन्द्र राजयोग भवन संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कही। दीदी ने आगे कहा कि भारत में हर आठ सेकंड में नशे के चलते एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। एक दिन में 3750 और प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु केवल तंबाकू के सेवन से होती है। सभी तरह के नशे को आंकड़े पर नजर डालें तो एक साल में भारतवर्ष में 35 लाख लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू में ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को जन्म देते हैं। इसमें पाया जाने वाला निकोटीन धीमा जहर है। नशे से हमारा डीएनए तक प्रभावित होता है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में शनिचरी रपटा में आयोजित कार्यक्रम में बीके संतोषी दीदी ने बताया कि व्यसन से आने वाली पीढ़ी में कैंसर होने के खतरे बढ़ जाते हैं। हमारे हार्ट की खून ले जाने वाली धमनियां में एंडोथीलियम होती है और सिगरेट पीने से उसमें कोलेस्ट्रोल चिपकना शुरू हो जाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। प्रतिवर्ष हमारे देश में 44 लाख लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती है। आज हमारे देश में 13 फीसदी लोग शराब का इस्तेमाल करते हैं। बहुत ही चिंता एवं डराने वाली बात यह है कि 5500 बच्चे हर रोज नशे करने वालों की भीड़ में शामिल हो जाते हैं। यही बच्चे देश का भविष्य और भावी कर्णधार हैं। युवा धन नशे से मुक्त रहकर सशक्त बने यह हमारा दायित्व है।

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